Saturday 31 March 2018

सभी के लिए समान एवं बेहतर शिक्षा के पक्ष में निकलेगी बाइक से समान शिक्षा अधिकार यात्रा

प्रेस विज्ञप्ति  
सभी के लिए समान एवं बेहतर शिक्षा के पक्ष में निकलेगी बाइक से समान शिक्षा अधिकार यात्रा
पूर्वांचल के 7 जिलों में 600 किलोमीटर तक होगा व्यापक जन सम्पर्क
1 अप्रैल को 11 बजे डा अम्बेडकर पार्क कचहरी से होगा यात्रा का शुभारम्भ

        सभी के लिए समान एवं बेहतर शिक्षा के पक्ष में ‘एक देश  समान शिक्षा प्रणाली अभियान’ एवं सामाजिक संस्था ‘आशा ट्रस्ट’ के संयुक्त तत्वावधान में 6 दिवसीय ‘समान शिक्षा अधिकार यात्रा’ का आयोजन 1 से 6 अप्रैल तक किया जाएगा. यह यात्रा बाइक से होगी, इस दौरान पूर्वांचल के 7 जिलों में लगभग 600 किलोमीटर चल कर जनसंपर्क किया जाएगा. शहीद उद्यान सिगरा पर बुधवार को हुयी तैयारी बैठक में यात्रा की आयोजन समिति से जुड़े प्रो. महेश विक्रम सिंह ने कहा कि देश के संविधान के अनुच्छेद 51-अ के अनुपालन में देश के प्रत्येक नागरिक / बच्चों को वैज्ञानिक दृष्टिकोण वाली समान शिक्षा देना, संविधान के अनुच्छेद 21-अ  के अनुपालन में 6-14 वर्ष के बच्चों  का समान शिक्षा प्रणाली का मौलिक अधिकार है और मौलिक अधिकार सबके लिए समान होता है. हिंदी आन्दोलन से जुड़े वरिष्ठ सामाजिक कार्यकर्ता अफलातून  ने कहा कि 6-14 वर्ष के सभी बच्चों को समान शिक्षा  मिलनी चाहिए अर्थात कक्षा 1-8 के सभी बच्चों को एक जैसी समान शिक्षा मुफ्त और मातृ भाषा में मिलनीचाहिए. आशा ट्रस्ट के समन्वयक वल्लभाचार्य पाण्डेय ने कहा कि देश में सभी को एक जैसी शिक्षा का अवसर मिलना चाहिए चाहे वह राष्ट्रपति की संतान हो. डीएम, किसान, मजदूर की. सरकारी स्कूलों की गुणवत्ता बढ़ाने से ही यह संभव हो सकेगा और अगर सरकारी अधिकारियोंकर्मचारियोंजन प्रतिनिधियों व न्यायाधीशों के बच्चे सरकारी विद्यालय में पढ़ने जाएंगे तो सरकारी विद्यालयों की गुणवत्ता में रातों-रात सुधार होगा जिसका फायदा गरीब जनता को भी मिलेगा और उसका बच्चा भी अच्छी शिक्षा पाएगा । इसका लाभ उन मध्यम वर्गीय परिवारों को भी मिलेगा जो अभी अपने बच्चों को मनमाना शुल्क वसूल करने वाले निजी विद्यालयों में भेजने के लिए मजबूर हैं क्योंकि तब ये लोग भी अपने बच्चों को सरकारी विद्यालयों में ही पढ़ाएंगे ।
        एक देश समान शिक्षा प्रणाली अभियान के संयोजक दीन दयाल सिंह के कहा उपरोक्त बातों की ओर आमजनता का ध्यान आकृष्ट करने के उद्देश्य से ‘समान शिक्षा अधिकार यात्रा’ का आयोजन किया जा रहा है. यात्रा 1 अप्रैल को वाराणसी कचहरी स्थित डा अम्बेडकर जी की प्रतिमा पर माल्यार्पण करके प्रारंभ होगी और चंदौली, गाजीपुर, बलिया, मऊ, आजमगढ़, जौनपुर होते हुए 6 अप्रैल को प्रधानमंत्री के आदर्श गाँव नागेपुर पहुचेगी जहाँ एक संगोष्ठी का आयोजन किया जाएगा जिसमे देश भर से अनेक वरिष्ठ शिक्षाविद शामिल होंगे.
         यात्रा के उद्देश्य बताते हुए अखिल भारतीय शिक्षा अधिकार मंच से जुडी डा. स्वाति ने कहा कि समान शिक्षा अधिकार यात्रा के माध्यम से हमारी सरकार से मांग है कि सभी के लिए गुणवत्ता पूर्ण समान शिक्षा की नीति  पूरे देश में व्यवहारिक रूप से लागू की जाय. माननीय उच्च न्यायालय, इलाहाबाद के आदेश दिनांक 18 अगस्त 2015 का अनुपालन सुनिश्चित कराया जाय और इसे देश के स्तर तक लागू किया जाय. इंटरमीडिएट तक की शिक्षा का सरकारीकरण किया जाये तथा निजी शिक्षण संस्थाओं पर पूरी तरह से रोक लगाई जाये. सभी सरकारी स्कूलो में शिक्षा का स्तर केन्द्रीय विद्यालयों के समकक्ष होना सुनिश्चित कराया जाय. देश में शिक्षा का बजट बढाया जाय. सभी सरकारी स्कूलों में उच्च स्तर के संसाधन उपलब्ध कराये जांय.सभी सांसद एवं विधायक अपनी निधि से अनिवार्य रूप से कम से कम 30 प्रतिशत धनराशि अपने क्षेत्र के सरकारी/ परिषदीय विद्यालयों के संसाधन को उच्च स्तरीय बनाने में व्यय करें. विद्यालयों में शिक्षको की कमी दूर की जाय, शिक्षकों से किसी भी प्रकार का गैर शैक्षणिक कार्य न कराया जाय  और प्रत्येक सरकारी विद्यालय पर अनिवार्य रूप से लिपिक, परिचारकचौकीदार और सफाई कर्मी की नियुक्ति हो. इस दौरान हम आमजन से अनुरोध किया जाएगा कि वे इस अभियान का हिस्सा बने, अपने स्तर से जन प्रतिनिधियों पर दबाव बनाएं तथा समाज में एवं सोशल मीडिया में इसके लिए अभियान चलायें. अपने पास पडोस के सरकारी/ परिषदीय विद्यालयों की शिक्षा की गुणवत्ता बेहतर बनाने के लिए विद्यालय में अपनी और समाज की सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित करें. जिससे शिक्षा का स्तर बेहतर हो सके.
         बैठक में प्रमुख रूप से वल्लभाचार्य पाण्डेय, डा. स्वाति, सुरेश राठौर, प्रो. महेश विक्रम सिंह, अफलातून, चिंतामणि सेठ, प्रेम कुमार, दीन दयाल सिंह, विनय सिंह, सतीश सिंह, डा. नीता चौबे, राकेश आदि सम्मिलित रहे.







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