Saturday 23 December 2017

Sunday 3 December 2017

आओ बापू को जाने स्पर्धा का आयोजन प्रधानमंत्री के आदर्श सांसद गाँव नागेपुर में

प्रधानमंत्री के आदर्श सासद गाँव नागेपुर स्थित आशा सामाजिक विद्यालय परिसर में रविवार को सामान्य ज्ञान प्रतियोगिता का आयोजन किया गया. जिसमे नागेपुर और आसपास के 10 विद्यालयों से आये कक्षा 6 से 8 के लगभग 200 बच्चों ने भाग लिया.
आशा ट्रस्ट के तत्वावधान में संचालित “आओ बापू को जाने” कार्यक्रम के अंतर्गत राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के जीवन और व्यक्तित्व से बच्चों को परिचित कराने के उद्देश्य से विभिन्न स्कूलों में इस प्रतियोगिता का आयोजन इन दिनों कराया जा रहा है. अब तक 2500 से अधिक बच्चे इसमें सम्मिलित हो चुके हैं. इस आयोजन से कुछ दिन पूर्व बच्चों को गांधीजी के जीवन से जुड़े पहलुओं के बारे में प्रकाशित साहित्य दिया जाता है जिसे पढ़ कर बच्चे प्रतियोगिता में शामिल होते हैं.

बालिका महोत्सव

लोक समिति वाराणसी और आशा ट्रस्ट के संयुक्त तत्वावधान में रविवार को हरसोस गांव मे बालिका महोत्सव का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में हरसोस बेनीपुर,कल्लीपुर, गनेशपुर,नागेपुर, कुंडरिया,सबलपुर,इस्लामपुर,आदि गांव से आयी किशोरी लड़कियों ने कन्या भ्रूण हत्या,यौन उत्पीड़न,दहेज़,बाल विवाह आदि के खिलाफ जोरदार रैली निकाली। हरसोस पंचायत भवन पर बालिका महोत्सव का आयोजन किया गया।

Tuesday 28 November 2017

सकारात्मक पहल अजगरा विधान सभा के विधायक श्री कैलाश नाथ सोनकर जी की तरफ से हुयी हैं, उन्होंने 50 लाख रूपये क्षेत्र के स्कूलों में बेंच, टेबुल आदि के लिए जारी किये है.


 One Nation One Education Campaign के अंतर्गत हम अपनी मांग में यह कहते आये हैं कि सभी सांसदों और विधायकों को अपनी निधि का 30 प्रतिशत अपने क्षेत्र के परिषदीय स्कूलों में संसाधन विकास में व्यय करना चाहिए...इसके लिए हस्ताक्षर अभियानों के माध्यम से हमने सरकार को तमाम हस्ताक्षरित पत्र भेजे हैं... इस क्रम में एक सार्थक और सकारात्मक पहल अजगरा विधान सभा के विधायक श्री कैलाश नाथ सोनकर जी की तरफ से हुयी हैं, उन्होंने 50 लाख रूपये क्षेत्र के स्कूलों में बेंच, टेबुल आदि के लिए जारी किये है.... 'एक राष्ट्र एक शिक्षा प्रणाली अभियान' की तरफ से माननीय विधायक जी को साधुवाद... अन्य जन प्रतिनिधियों को भी ऐसे कदम उठाने चाहिए.






Saturday 25 November 2017

'आओ बापू को जाने' कार्यक्रम के अंतर्गत 'द इलीट इंग्लिश स्कूल' में सामान्य ज्ञान प्रतियोगिता कराई गयी


बच्चों को महात्मा गांधी की जीवन के बारे में परिचित कराने के लिए उद्देश्य से स्कूलों में आयिजित की जा रही है
चौबेपुर स्थित द इलीट इंग्लिश स्कूल में कक्षा 6 से 8 के लगभग 400 बच्चों के लिए सामान्य ज्ञान प्रतियोगिता का आयोजन शनिवार को किया गया. सामाजिक संस्था आशा ट्रस्ट के तत्वावधान में संचालित “आओ बापू को जाने” कार्यक्रम के अंतर्गत राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के जीवन और व्यक्तित्व से बच्चों को परिचित कराने के उद्देश्य से विभिन्न स्कूलों में इस प्रतियोगिता का आयोजन कराया जा रहा है. अब तक 2000 से अधिक बच्चे इसमें सम्मिलित हो चुके हैं. शिक्षा की दिशा में उल्लेखनीय कर रही सामाजिक संस्था आशा ट्रस्ट के समन्वयक वल्लभाचार्य पाण्डेय ने बताया कि आगामी वर्ष 2018-19 को राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी जी और कस्तूरबा जी की 150वीं जयंती वर्ष के रूप में मनाया जाना है. गांधी जी के जीवन और उनके विचार को पूरे विश्व में सम्मान की दृष्टि से देखा जाता है और उनके विचार आज भी व्यवहारिक हैं, इसलिए इस प्रतियोगिता के माध्यम से हम बच्चों को बच्चों को बापू की जीवन गाथा से परिचित करा रहे हैं ट्रस्ट से जुड़े सामाजिक कार्यकर्ता दीन दयाल सिंह ने कहा सामान्य ज्ञान प्रतियोगिता के अगले चरणों हम अन्य महापुरुषों एवं स्वतंत्रता संग्राम के क्रातिकारियों के बारे में भी इसी प्रकार बच्चों को अधिकाधिक जानकारी उपलब्ध कराने की कोशिश करेंगे. विद्यालय के प्रबंधक कुमुद उपाध्याय ने आयोजन समूह के सदस्यों का स्वागत किया. आयोजन में दीन दयाल सिंह, सूरज पाण्डेय, प्रदीप कुमार सिंह, प्रधानाचार्य वी के सेठ, पूनम मालवीय, गंगाराम यादव, प्रशांत तमांग, मिथिलेश यादव आदि की प्रमुख भूमिका रही.










Friday 24 November 2017

समान शिक्षा और सरकारी स्कूलों में गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए पोस्टर प्रदर्शनी का आयोजन

विभिन्न चित्रों, स्लोगन, कविताओं  और नारों के माध्यम से सभी के लिए समान शिक्षा के अवसर की उपलब्धता की आवश्यकता को दर्शाया गया



‘एक राष्ट्र एक शिक्षा प्रणाली अभियान’ एवं ‘आशा ट्रस्ट’ के संयुक्त के तत्वावधान में गुरूवार को अस्सी घाट वाराणसी पर सभी के लिए समान शिक्षा की आवश्यकता पर जोर देते हुए ‘पोस्टर प्रदर्शनी’ का आयोजन किया गया. पोस्टर प्रदर्शनी में विभिन्न चित्रों, स्लोगन, कविताओं  और नारों के माध्यम से सभी के लिए समान शिक्षा के अवसर की उपलब्धता की आवश्यकता को दर्शाया गया था. अभियान के बारे में बताते हुए कार्यकर्ताओं ने कहा कि  शिक्षा के बढ़ते बाजारीकरण के कारण आज समाज का एक बड़ा हिस्सा गुणवत्तापूर्ण शिक्षा से वंचित हो रहा हैकोई स्पष्ट नीति न होने के कारण सरकारी विद्यालयों की स्थिति क्रमशः दयनीय होती जा रही है. एक राष्ट्र एक शिक्षा प्रणाली अभियान का मानना है कि देश में सभी को एक जैसी शिक्षा का अवसर मिलना चाहिए चाहे वह राष्ट्रपति की संतान हो अथवा किसान की. सरकारी स्कूलों की गुणवत्ता बढ़ाने से ही यह संभव हो सकेगा. जब सरकारी अधिकारियोंकर्मचारियोंजन प्रतिनिधियों व न्यायाधीशों के बच्चे सरकारी विद्यालय में पढ़ने जाएंगे तो सरकारी विद्यालयों की गुणवत्ता में रातों-रात सुधार होगा जिसका फायदा गरीब जनता को भी मिलेगाउसका बच्चा भी अच्छी शिक्षा पाएगा, इसका लाभ उन मध्यम वर्गीय परिवारों को भी मिलेगा जो अभी अपने बच्चों को मनमाना शुल्क वसूल करने वाले निजी विद्यालयों में भेजने के लिए मजबूर हैं क्योंकि तब ये लोग भी अपने बच्चों को सरकारी विद्यालयों में ही पढ़ाएंगे । जिस प्रकार नवोदय विद्यालयों और केन्द्रीय विद्यालयों में प्रवेश के लिए अभिभावक उत्सुकता दिखाते हैं उसी प्रकार सरकारी प्राथमिक स्कूलों की भी गुणवत्ता में अपेक्षित सुधार होने पर बच्चों के प्रवेश के लिए लोगों का झुकाव होगा.
              आयोजकों ने बताया कि  उत्तर प्रदेश के परिषदीय विद्यालयों में शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार के दृष्टिगत उच्च न्यायालय इलाहाबाद के न्यायाधीश न्यायमूर्ति सुधीर अग्रवाल के 18 अगस्त 2015 को दिए गए ऐतिहासिक फैसले का महत्व बहुत ही अधिक है जिसमे कोर्ट ने सभी नौकरशाहोंसरकारी कर्मचारियों और जन प्रतिनिधियों के लिए उनके बच्चों को सरकारी प्राथमिक विद्यालय में पढ़वाना अनिवार्य किये जाने का निर्देश राज्य सरकार को दिया था. उक्त आदेश से परिषदीय स्कूलों में शिक्षा के स्तर में सुधार की चर्चा समाज के हर स्तर पर प्रारंभ हुयी थी लेकिन इसे सार्थक और व्यावहारिक स्तर तक ले जाने के लिए सरकार की कोई इच्छाशक्ति नही रही है.
               अभियान की तरफ से जारी पोस्टरों में मांग की गयी कि इंटर तक की शिक्षा का पूर्ण सरकारीकरण किया जाये तथा निजी शिक्षण संस्थाओं पर पूरी तरह से रोक लगाई जाये. माननीय उच्च न्यायालय के दिनांक 18 अगस्त 2015 का अनुपालन सुनिश्चित कराया जाय  और इसे देश के स्तर तक लागू किया जाय. शिक्षा का बजट बढाया जाय. परिषदीय/सरकारी स्कूलों में उच्च स्तर के संसाधन उपलब्ध कराये जांय.सभी सांसद एवं विधायक अपनी निधि से अनिवार्य रूप से कम से कम 30 प्रतिशत धनराशि अपने क्षेत्र के परिषदीय/सरकारी विद्यालयों के संसाधन को उच्च स्तरीय बनाने में व्यय करें. सरकारी स्कूलों में शिक्षकों की कमी दूर की जायशिक्षकों से किसी भी प्रकार का गैर शैक्षणिक कार्य न कराया जाय तथा प्रत्येक सरकारी विद्यालय पर अनिवार्य रूप से लिपिक, परिचारकचौकीदार और सफाई कर्मी की नियुक्ति हो और सभी के लिए समान शिक्षा की नीति  पूरे देश में व्यवहारिक रूप से लागू की जाय.
               आयोजन में एक राष्ट्र एक शिक्षा प्रणाली अभियान के दीन दयाल सिंह, वल्लभाचार्य पाण्डेय, डॉ. सरोज सिंह, विनय सिंहप्रोफेसर महेश विक्रम, शिरीष अग्रवालसुरेश कुमार राठोरडा. इन्दू पाण्डेय, सूरज पाण्डेय, मुकेश उपाध्याय, चिंतामणि सेठ, दिवाकर, धनंजय त्रिपाठी, महिमा, नीतिशालिनी, महेंद्र, प्रेम सम्मलित रहे.












Wednesday 22 November 2017

पोस्टर प्रदर्शनी 23 नवम्बर को अस्सी घाट वाराणसी

One Nation One Education Campaign (एक राष्ट्र एक शिक्षा प्रणाली अभियान) की मांग है कि सभी के लिए समान एवं गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा की नीति पूरे देश में व्यवहारिक रूप से लागू की जाय.
इस मांग के समर्थन में 23 नवम्बर (गुरूवार) को 2.00 बजे से 4.00 बजे तक वाराणसी में नया अस्सी घाट पर पोस्टर प्रदर्शनी का आयोजन किया जाएगा. जिसमे विभिन्न चित्रों, स्लोगन, कविताओं और नारों के माध्यम से सभी के लिए समान शिक्षा के अवसर की उपलब्धता की आवश्यकता को दर्शाया जाएगा.....आपके उपस्थिति, सुझाव और सहयोग की प्रतीक्षा रहेगी.

Monday 20 November 2017

पोस्टर प्रदर्शनी (एक राष्ट्र एक शिक्षा प्रणाली)

One Nation One Education Campaign (एक राष्ट्र एक शिक्षा प्रणाली अभियान) के माध्यम से हमारी मांग है कि
1. इंटर तक की शिक्षा का पूर्ण सरकारीकरण किया जाये तथा निजी शिक्षण संस्थाओं पर पूरी तरह से रोक लगाई जाये. 
2. माननीय उच्च न्यायालय के दिनांक 18 अगस्त 2015 का अनुपालन सुनिश्चित कराया जाय और इसे देश के स्तर तक लागू किया जाय.
3.शिक्षा का बजट बढाया जाय. 
4. परिषदीय/सरकारी स्कूलों में उच्च स्तर के संसाधन उपलब्ध कराये जांय.
5. सभी सांसद एवं विधायक अपनी निधि से अनिवार्य रूप से कम से कम 30 प्रतिशत धनराशि अपने क्षेत्र के परिषदीय/सरकारी विद्यालयों के संसाधन को उच्च स्तरीय बनाने में व्यय करें.
6. सरकारी स्कूलों में शिक्षकों की कमी दूर की जाय, शिक्षकों से किसी भी प्रकार का गैर शैक्षणिक कार्य न कराया जाय
7. प्रत्येक सरकारी विद्यालय पर अनिवार्य रूप से लिपिक, परिचारक, चौकीदार और सफाई कर्मी की नियुक्ति हो और 
8. सभी के लिए समान शिक्षा की नीति पूरे देश में व्यवहारिक रूप से लागू की जाय.

इस सम्बन्ध में आयोजित होने वाली पोस्टर प्रदर्शनी में विभिन्न चित्रों, स्लोगन, कविताओं और नारों के माध्यम से सभी के लिए समान शिक्षा के अवसर की उपलब्धता की आवश्यकता को दर्शाया गया था.

तो आइये 23 नवम्बर (गुरूवार) को 
2 बजे से 4 बजे तक 
अस्सी घाट पर
हमे आपके सुझाव की प्रतीक्षा रहेगी.


Saturday 18 November 2017

समाचार पत्रों में "आओ बापू को जाने" कार्यक्रम की खबर

 
आज 


 
अमर उजाला 


 
दैनिक जागरण 


 
हिन्दुस्तान सेलेक्ट 


 
 हिन्दुस्तान  


 
पानियर 


 
राष्ट्रीय सहारा 


 
सन्मार्ग

आओ बापू को जाने' कार्यक्रम का आगाज - बच्चों को महात्मा गांधी की जीवन के बारे में परिचित कराने के लिए सामान्य ज्ञान प्रतियोगिता कराई गयी




 आशा ट्रस्ट के तत्वावधान में संचालित आओ बापू को जानेकार्यक्रम के अंतर्गत एक कक्षा 6 से 8 के बच्चों के लिए सामान्य ज्ञान प्रतियोगिता का आयोजन दिनांक 14 नवम्बर 2017, दिन बुधवार को किया गया. क्षेत्र के राजवारी और धौरहरा संकुल के 5 पूर्व माध्यमिक विद्यालयों के 750 से ऊपर बच्चों को गांधीजी की जीवनी पर प्रकाशित साहित्य विगत सप्ताह अध्ययन हेतु दिया गया थाइसी पर आधारित प्रतियोगिता  पूर्व माध्यमिक विद्यालय भंदहाकला, कैथी, ऊगापुर, ढकवा और मोलनापुर पर एक साथ कराई गयी जिसमे बच्चों और उनके अध्यापकों  ने बहुत उत्साह दिखाया.

ज्ञातव्य है कि आगामी वर्ष  2018-19 को राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी जी और कस्तूरबा जी की 150वीं जयंती वर्ष के रूप में मनाया जाना है. जिसके तहत देश भर विभिन्न सरकारी एवं गैर सरकारी संस्थाएं कार्यक्रम आयोजित करेंगी. हमारा उद्देश्य यह है कि नई पीढ़ी गांधी जी के जीवन संघर्ष और उनके सिद्धांतों के बारे में अधिक से अधिक परिचित हो सके, क्योंकि गांधी जी के जीवन और उनके विचार को पूरे विश्व में सम्मान की दृष्टि से देखा जाता है और उनके विचार आज भी व्यवहारिक हैं. उन्होंने बताया कि " आओ बापू को जाने" कार्यक्रम के तहत हम विभिन्न स्कूलों में जायेंगे और बच्चों को बापू की जीवन गाथा से परिचित करायेंगे. सामान्य ज्ञान प्रतियोगिता कई चरणों में आयोजित की जायेगी. इस क्रम में हम अन्य महापुरुषों एवं स्वतंत्रता संग्राम के क्रातिकारियों के बारे में भी इसी प्रकार बच्चों को अधिकाधिक जानकारी उपलब्ध कराने की कोशिश करेंगे.