Friday 11 October 2019

गाँधी जी की 150 वीं जयंती वर्ष के अवसर पर “आशा ट्रस्ट” सामाजिक संस्था द्वारा आज एस डी हायर सेकेंडरी स्कूल महराजपुर, चौबेपुर और पूर्व माध्यमिक विद्यालय, पचोर में “आओ गाँधी को जाने” कार्यक्रम का आयोजन किया गया.

गाँधी जी की 150 वीं जयंती वर्ष के अवसर पर “आशा ट्रस्ट” सामाजिक संस्था द्वारा आज एस डी हायर सेकेंडरी स्कूल महराजपुर, चौबेपुर और पूर्व माध्यमिक विद्यालय, पचोर में “आओ गाँधी को जाने” कार्यक्रम का आयोजन किया गया. इस कार्यक्रम के तहत इन स्कूलों में गाँधी जी के चित्र और संदेशों का पोस्टर प्रदर्शनी लगाई गयी. गाँधी जी की बारे में एक गाँधी जी सामान्य ज्ञान परीक्षा का भी आयोजन किया गया.  एस डी हायर सेकेंडरी स्कूल महराजपुर, चौबेपुर और पूर्व माध्यमिक विद्यालय, पचोर के छात्र और छात्राओं ने आओ गाँधी को जाने कार्यक्रम में बढ-चढ कर हिस्सा लिया. बनारस से आये हुए सामाजिक कार्यकर्ता दीनदयाल सिंह ने  इस अवसर पर गाँधी जी के बचपन से जुडी कहानियों को बच्चों को सुनाया. SD हायर सेकेंडरी स्कूल के प्रधानाचार्य महेश चौरसिया जी ने बच्चों को संबोधित करते हुए कहा की आज की परिस्थितियों में गाँधी जी हमारे जीवन में प्रसंगिक हो गए है, हम उनके रास्तों पर चलकर इस देश को विकाश के पथ पर आगे बढ़ा सकते है. स्कूल के अध्यापक अरुण श्रीवास्तव जी ने आशा ट्रस्ट को इस अवसर पर धन्यवाद ज्ञापन करते हुए कहा कि भविष्य में भी स्कूल में इस प्रकार के आयोजन को करने के लिए कोशिश करेंगे. पूर्व माध्यमिक स्कूल, पचोर की प्रधानाचर्या मधु मिश्रा जी ने स्कूल की छात्राओं को संबोधिटी करते हुए कहा कि गाँधी जी के संघर्षो की वजह से हमें अंग्रेजो से आजादी मिली. उन्होंने ने कहा कि गाँधी जी के मूल मन्त्र सत्य अहिंसा और प्रेम को हम अपने अगर अपने जीवन में उतार ले तो ये देश सही अर्थों में रामराज्य हो जायेगा,  स्कूल की बच्चियों ने पोस्टर प्रदर्शनी का अवलोकन करते हुए कहा की उन्हें बहुत ख़ुशी हुई की वे गाँधी जी की जीवन के बारे में इस पोस्टर के मध्यम से जान पायी. स्कूल की छात्रा संस्कृति ने इस अवसर पर कहा कि इस पोस्टर प्रदर्शनी और कार्यक्रम से उसे गाँधी जी के बचपन के बारे में जानने का मौका मिला जिससे उसे प्रेरणा मिली. उसने कहा की वो चाहती है कि भविष्य में स्कूल में ऐसे कार्यक्रम किये जाये जिससे उनकी जानकारी और समृद्ध हो सके. स्कूल के इस कार्यक्रम का सञ्चालन कानपुर के सामाजिक कार्यकर्ता और रंगकर्मी हरिवीर यादव ने किया.






















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